सूरज-चन्दा जैसे रौशन
हो जाएँ दिल सब के रौशन
आप जो मेरे साथ चलेंगे
हो जाएँगे रस्ते रौशन
दिल को रौशन करने वाले
मेरा घर भी कर दे रौशन
खिड़की से कुछ जुगनू आकर
कर जाते हैं कमरे रौशन
इक दीपक के जल जाने से
दीवारो-दर सारे रौशन
चाँद सा चेहरा कब आएगा
मेरे घर को करने रौशन
2 टिप्पणियां:
दिल को रौशन करने वाले
मेरा घर भी कर दे रौशन
बहुत अच्छी और ग़ज़लियत से भरपूर ग़ज़ल है.
jabardast..
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